सात दिवसीय श्री मद् भागवत कथा के पाचवें दिन श्री गोवर्धन पूजा प्रसंग वर्णन किया गया व छप्पन भोग की झांकी सजाई गयी।
रविवार, 29 दिसंबर 2024
बिजयनगर (रामकिशन वैष्णव) स्थानीय श्री वैष्णव भवन में चल रही सात दिवसीय श्री मद्
भागवत कथा के पांचवें दिन भव्य छप्पन भोग की झांकी सजाई गयी। कथा व्यास-श्री 1008 श्री दिव्य मोरारी बापू महामंडलेश्वर राष्ट्रीय संत ने कथा में बताया कि यह संसार दुख का सागर है यहां ना अमीर सुखी है ना ही गरीब सुखी है जिसने परमात्मा को मन में बसा लिया उसे परम सुख की प्राप्ति होती है। कथा में भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वृत्तांत सुनाया, इन्हीं में से गोवर्धन पूजा के प्रसंग के दौरान उन्होंने बताया कि किस प्रकार भगवान श्री कृष्ण ने भगवान इंद्र के घमंड को चूर-चूर करने के लिए गिरिराज को अपनी उंगली पर धारण किया और बृजवासियों को गिरिराज पूजा के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर छप्पन भोग की झांकी सजाई गई जो महाआरती के बाद प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं में बांटा गया। कथा में भजनों की स्वर लहरियों में कई श्रद्धालु नाचते गाते नजर आए। कथा में सिख समाज की ओर से महाराज श्री का स्वागत किया गया और समाज के अध्यक्ष गुरु भेज सिंह टुटेजा ने व्यास पीठ से आशीर्वाद प्राप्त किया। कथा यजमान कमलेश सुरोलिया, रघुवीर सिंह , दुर्गा प्रसाद सेन, सपना कुमावत ने परिवार जनों सहित आरती में भाग लिया।इस दौरान बिजयनगर गुलाबपुरा श्री दिव्य सत्संग मंडल के सदस्यों सहित बड़ी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।