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क्षेत्र का प्रसिद्ध गुलाब बाबा की धूणी का मेला गुरुवार को भरेगा, बुधवार को विशाल भजन संध्या होगी।

क्षेत्र का प्रसिद्ध गुलाब बाबा की धूणी का मेला गुरुवार को भरेगा, बुधवार को विशाल भजन संध्या होगी।

गुलाबपुरा (रामकिशन वैष्णव) स्थानीय क्षेत्र का प्रसिद्ध व विशाल गुलाब बाबा की धूणी का मेला गुरुवार को भरेगा व विशाल भजन संध्या बुधवार को आयोजित होगी।  गुलाब बाबा के नाम से ही शहर का नाम गुलाबपुरा पड़ा। गुलाब बाबा की धूणी पर कई वर्षों से अग्नि प्रज्वलित है, धूणी की भभूति से कई असाध्य रोगों का निराकरण होता आया है। अभी श्री मिश्री नाथ जी महाराज धूणी पर विराज रहे हैं  , जो सभी कार्य देख रहे हैं। सनाढ्य मिश्रा परिवार के केडी मिश्रा भिनाय वाले ने बताया कि श्री गुलाब बाबा मूलतः भिनाय सनाढय मिश्रा परिवार में जन्मे है व बचपन में गाये चराते थे, अपनी भाभी के द्वारा कहना कि कही जाकर साधू संत बन जाओ तो खाना कोई भी खिला देगा, ऐसी बात सुनते ही गुलाब बाबा व एक राजपूत साथी शिवपुरी महाराज के स्थल पर पहुँच कर दीक्षा लेने की इच्छा जाहिर की, जिस पर गुरु ने दीक्षा देकर एक बार अपनी जन्म स्थली जाने को कहा, जिस पर गुलाब बाबा व साथी दोनों भिनाय गाँव आये व कई चमत्कार दिखाते रहे, जिससे लोगों में आस्था अधिक पैदा होती गयी। वहाँ से बिजयनगर खारी नदी तट पर आकर तपस्या करने लगे, आसपास के क्षेत्र में धीरे धीरे प्रसिद्धि फैलाने से लोगों का आना शुरू हो गया, श्री गुलाब बाबा की महिमा सुन कर शिखरानी ठाकुर सा के संतान नहीं होने से बाबा से प्रार्थना की, जिससे उनके संतान हुई व धूणी पर सुखी लकड़ी ठाकुर सा शिखरानी से भेजने लगे, एक बार बारिश बहुत होने से खारी नदी ऊफान पर थी, धूणी पर लकड़ीया खत्म हो चुकी थी, तो शिखरानी खुद ठाकुर बैल गाड़ी में लकड़ी लाद कर आये तो खारी नदी में पानी फुल चल रहा था, ठाकुर सा चिंतित हो गये, गुलाब बाबा यह सब योग माया से देख रहे थे, धूणी से बैठे बैठे ही अपना चिमटा खारी नदी की ओर किया जिससे बहती खारी नदी का पानी दो भागों में बट गया व बीच में रास्ता बन गया जिसमें से होते हुए ठाकुर सा की बैलगाड़ी निकल गयी। इसी प्रकार हुरड़ा में मेवाड़ के राजा  अधिक बारिश की वजह से सैनिकों के साथ रुके हुए थे तो उनको भी जानकारी मिलने पर धूणी पर पहुंचे व श्री गुलाब बाब को प्रणाम कर एक दुपट्टा गले में डाल दिया तो बाबा ने उसे धूणी में डाल दिया तो मेवाड़ के राजा नाराज हो गये, बाबा इस बात को भाप गए व अपने चिमटा से धूणी में से सैकड़ों दुपट्टे निकाल कर मेवाड़ के राजा को कहा को इसमें से आपका कौनसा है छांट लेवें, यह सब देखकर राजा अचंभित हो गया एवं श्री गुलाब बाबा के चरणों में गिर गये। तथा बाबा को प्रसाद हेतु 200 बीघा जमीन भेंट की। इस तरह बाबा ने कई चमत्कार किये। पूर्व नगर पालिका चेयरमैन धनराज गुर्जर ने बताया कि आज भी बाबा की धूणी में अग्नि प्रज्ज्वलित है, जिसकी भभूति से कई प्रकार के असाध्य रोग ठीक होते हैं । मेले में आसपास के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु, भक्त धूणी पर पहुँच कर पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना करते हैं।

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