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हरी सेवा उदासीन आश्रम में बाबा शेवाराम साहब का 40 वां वर्सी उत्सव श्रद्धा एवं उमंग से मनाया गया।

हरी सेवा उदासीन आश्रम में बाबा शेवाराम साहब का 40 वां वर्सी उत्सव श्रद्धा एवं उमंग से मनाया गया।

  बिजयनगर (रामकिशन वैष्णव) भीलवाड़ा  में बाबा शेवाराम साहब का 40 वां वर्सी उत्सव हरी शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर  में शेवा सुमिरन कर उत्साह एवं उमंग के साथ मनाया गया। महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने सत्संग प्रवचन की श्रंखला में जगद्गुरु श्री श्रीचंद्र महाराज एवं अपने सद्गुरुओ बाबा हरीराम,बाबा शेवाराम और बाबा गंगाराम के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह सब सद्गुरु के प्रताप का प्रभाव ही है कि हरी शेवा उदासीन आश्रम सनातन मन्दिर से नित्य प्रति शेवा सुमिरन किया जा रहा है। उन्होंने अपने प्रवचन में *चुप करे वेह ना,राम धुन लाहे तूं, गोविंद जा गुण गाए,राम खे रिझाए तूं* और *बाबा हरिराम,बाबा शेवराम,बाबा गंगाराम तू ही सहाय, दासन खे अची दर्शन कराए*  आदि भजन प्रस्तुत किए तथा नाम की महिमा का बखान कर सभी भक्तों से बाबा जी की शिक्षाओं को ग्रहण करने की बात कही। उन्होंने कहा कि भक्ति में अहंकार का भाव कभी नहीं आना चाहिए क्योंकि अहंकार आते ही भक्ति एवं सेवा का भाव समाप्त हो जाता है। बाबा शेवाराम साहब ने अपने जीवन काल में अनेक भजन एवं गीतों की स्वयं रचना की एवं अपनी मधुर वाणी में उन्हें प्रस्तुत भी किया। उन्होंने यह भी बताया कि बाबा हरिराम के अनेक शिष्यों में प्रमुख शिष्य बाबा शेवाराम साहब रहे,जो सदेैव अपने गुरु बाबा हरिराम साहब की आज्ञा में रहे व कभी भी उनके समक्ष बराबरी में नहीं बैठे। वे सदैव उनके चरणों में ही विराजते थे एवं उनकी दृष्टि भी अपने गुरु बाबा हरिराम साहब के चरणों पर ही केंद्रित रहती थी। बाबा शेवाराम साहब के सेवा संकल्प को देखते हुए बाबा हरिराम साहब ने उन्हें अपने जीवन के अंतिम समय में गुरु गद्दी प्रदान कर दी थी। विभाजन के उपरांत बाबाजी ने भीलवाड़ा को भाग्यशाली बताते हुए यहां हरी शेवा उदासीन आश्रम तथा हरी मंदिर की स्थापना की। उन्होंने ही हरी शेवा सनातन मंदिर में समाधि साहब, ध्वजा  साहब, धूणा साहब आदि स्थापित किए और अनेक सेवा कार्य प्रारंभ किए जो आज भी अनवरत जारी है। महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन के सान्निध्य में संत मयाराम, संत राजाराम, संत गोविंदराम, बालक मिहिर एवं श्रद्धालुओं ने आश्रम में प्रातः क़ालीन सत्र में श्री हरि सिद्धेश्वर मंदिर में अभिषेक, गुरुजनों की समाधियों पर पूजन, साँयक़ालीन सत्र में सतगुरुओ की स्तुति में भजन, सत्संग, प्रवचन, श्री मात्रा साहब पाठ हनुमान चालीसा पाठ आरती साहेब किये। तत्पश्चात सभी ने भंडारा प्रसाद ग्रहण किया गया। प्रातः काल में निराश्रितों के लिए पुलाव, हलवा व फल प्रसाद का वितरण किया गया। साथ ही गौ वंश की भी सेवा की गई। इस अवसर पर हरी शेवा संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान के तत्वावधान में भी पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसकी अध्यक्षता महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने की। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा बाबा शेवाराम साहेब के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए अनेक भजन प्रस्तुत किए गये। इस कार्यक्रम को संस्था प्रधान कैलाशचंद्र तिवाड़ी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन मोहनलाल शर्मा ने किया। इस वार्षिक उत्सव में मध्य प्रदेश के संत लवली महाराज, गोविंद धाम के संत किशनलाल, पंडित नवीन, पंडित कमल एवं श्रद्घालुओं अनुयायियों सहित संस्थान के ट्रस्टी, पदाधिकारियों ने श्रद्धा एवं उत्साह से भाग लिया।

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