शाहपुरा कलेक्टर द्वारा ईनामी योजना योजना के नाम पर अवैध धोखाधड़ी करने के मामले में कार्रवाई के निर्देश
शाहपुरा कलेक्टर द्वारा ईनामी योजना योजना के नाम पर अवैध धोखाधड़ी करने के मामले में कार्रवाई के निर्देश
शाहपुरा जिला क्षेत्र में कई गावों में चल रहा है ठगी का कारोबार
शाहपुरा-पेसवानी| शाहपुरा के जिला कलेक्टर टीकमचंद बोहरा ने पुलिस अधीक्षक विनित बंसल को पत्र लिखकर गौशाला की आड़ में ईनामी येाजना व अवैध लाटरी के माध्यम से ठगी करने के मामले में जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिये है। जिला कलेक्टर ने यह कार्रवाई पथिक सेना संगठन सुजानगढ़, चुरू के अध्यक्ष महावीर पोसवाल की शिकायत पर की है।
जिला कलेक्टर बोहरा को शिकायती पत्र में कहा गया है कि शाहपुरा जिला क्षेत्र में गोशाला के नाम व गायक कलाकारों के नाम को आगे करके ईनामी येाजना व अवैध लाटरी के नाम पर चंदे की राशि के कूपन काटकर उपहार के रूप में सट्टे का कारोबार कर रहे है। जिला कलेक्टर ने शाहपुरा एसपी को विधिक जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिये है।
उल्लेखनीय है कि शाहपुरा जिले के शाहपुरा, कोटड़ी एवं आस पास के क्षेत्र में इस प्रकार का कारोबार पिछले छह माह से चल रहा हैै। इसकी शिकायत के बाद भी पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। कोटड़ी थाने में 6 लोगों के खिलाफ मामला पंजीबद्व हुआ जिस पर सदर थाना पुलिस ने दो जनों को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार कर इतिश्री कर ली। इससे न तो अवैध कारोबार रूका है न ही अन्य योजनाओं के नाम पर ठगी करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई।
मुहलां की गौशाला के पेंपलेट को लेकर हुआ विवाद
शाहपुरा क्षेत्र के मूहलां क्षेत्र की श्री कल्याण गौशाला सेवा समिति के नाम से उपहार योजना की घोषणा की गई। इसमें 299 रू का कूपन देकर लाखों रू के इनाम देने की बात कही है। पहला इनाम जेसीबी मशीन की कहा गया है। उसके बाद थार जीप, ट्रेक्टर व कार सहित अन्य बड़े इनामों का लालच दिया है। इसी बेनर में राष्ट्रवादी भजन गायक ओम मुंडेन डेगाना व गौ चिकित्सालय नागौर के कुशालगिरी महाराज बोस का फोटो देकर विडियो संदेश भी जारी कर लाटरी के नाम पर कूपन काटे गये। इसकी भनक के बाद कुशालगिरी महाराज ने विडियो संदेश जारी कर उनका इस प्रकार की योजना में शामिल होने से इंकार कर आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी। इसके बाद तो करीब एक दर्जन योजनाओं के नाम पर गावों व सोशल मीडिया में इस प्रकार कूपन के नाम पर राशि ली जाने लगी। इस प्रकार की उपहार योजनाओं को मकर संक्रांति के मौके पर खोले जाने की बात कही है।