भाविप के तत्वावधान में दो दिवसीय निशुल्क दिव्यांग अंग प्रत्यारोपण शिविर का शुभारंभ, 62 का पंजीयन हुआ।
रविवार, 14 जनवरी 2024
गुलाबपुरा (रामकिशन वैष्णव) स्थानीय भारत विकास परिषद एवं भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति कोटा के संयुक्त तत्वाधान में, स्वर्गीय श्री रामेश्वर तोषनीवाल की स्मृति में दो दिवसीय दिव्यांग सहायतार्थ शिविर का उद्घाटन रविवार को सार्वजनिक धर्मशाला में प्रधान कृष्ण सिंह राठौर की अध्यक्षता एवं नगरपालिका अध्यक्ष सुमित कालिया के मुख्य अतिथि में हुआ। उद्घाटन कार्यक्रम के
विशिष्ट अतिथि के रूप में परिषद से प्रांतीय पदाधिकारी रामेश्वर लाल काबरा , केडी मिश्रा, पार्षद रामदेव खारोल, महावीर लड्ढा, शिवदयाल सोमानी मौजूद थे।
इस अवसर पर तोषनीवाल परिवार से ओमप्रकाश तोषनीवाल, मनोज तोषनीवाल, बाबूलाल काबरा, भगवानलाल चेचानी, भारत विकास परिषद के सदस्य एवं नगर के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही ।
कार्यक्रम का प्रारंभ भारत माता ,स्वामी विवेकानंद एवं स्वर्गीय रामेश्वर जी तोषनीवाल की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर हुआ।
तत्पश्चात वंदे मातरम गायन के बाद अतिथियों का तोषनीवाल परिवार एवं परिषद सदस्यों द्वारा माल्यार्पण एवं साफा पहनकर स्वागत किया गया।
इस अवसर पर लगभग 62 सदस्यों का शिविर में अब तक पंजीयन हुआ, जिसमें डॉक्टर दीनदयाल रावल के नेतृत्व में 8 सदस्य टीम ने अपनी वर्कशॉप में कृत्रिम हाथ पैर बनाकर लगभग 51 दिव्यांगों के हाथ एवं पेर लगाए जरूरतमंदों को बैसाखियां भी वितरित की गई।
डॉक्टर दीनदयाल रावल ने आधुनिक तकनीक से बने कृत्रिम हाथ एवं पर का डेमो भी उद्घाटन समारोह में सभी के समक्ष प्रस्तुत किया जिसकी सभी ने प्रशंसा की
इस अवसर पर अतिथियों ने अपने उद्बोधन में समाज सेवा के इस प्रकार के प्रकल्पों के लिए और दिव्यांगों की सहायता के लिए इस प्रकार के शिविर का आयोजन के लिए तोषनीवाल, भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति एवं भारत विकास परिषद के प्रयासों की भूरि भूरि प्रशंसा की और मानव सेवार्थ के इस प्रकार के पुण्य कार्य को सार्थक प्रयास बताया
इस अवसर पर ओमप्रकाश तोषनीवाल ( जॉइंट सेक्रेटरी समाज कल्याण विभाग) ने आगे आयोजित होने वाले दिव्यांग सहायतर्थ शिविरों के बारे में परिचय दिया और भविष्य में इस प्रकार के और भी शिविर लगाने का संकल्प लेते हुए सभी से सहयोग की अपेक्षा अपने उद्बोधन में की।
कार्यक्रम का संचालन परिषद के संरक्षक सत्यनारायण अग्रवाल ने किया।