भगवान् भाव के भूखे होतें है, छप्पन भोग के नहीं। = श्री मधुसूदन जी महाराज।
शनिवार, 2 दिसंबर 2023
गुलाबपुरा (रामकिशन वैष्णव) स्थानीय हुरडा रोड कृष्णा कोलोनी, वेदांत साधकाश्रम में चल रही भागवत कथा में कथा वाचक श्री मधुसूदन जी महाराज ने बताया कि भगवान कृष्ण कहते हैं कि इंद्र की पूजा से कोई कुछ नहीं होता है, यज्ञ करना चाहिए यज्ञ से भगवत प्राप्ति होती है, और उसका उड़ता हुआ धूआ वायुमंडल में मिलता है, वायुमंडल में मिलने के बाद उसे वर्षा होती है, वर्षा से खेती होती है खेती से फसल अच्छी होती है और जीवन का कल्याण होता है।
चीज जीव जंतुओं को खाने पीने की चीज प्रदान करती है, उनका पूजन करना चाहिए ।
भगवान को छप्पन भोग की आवश्यकता नहीं है भगवान तो भाव के भूखे होते हैं। भगवान गिरिराज जी की परिक्रमा लगाने के लिए लोग पागल रहते हैं, कहते हैं भगवान स्वयं भगत की मनोकामनाएं पूर्ण करता है, जब तक भगवान की कृपा नहीं होती कुछ नहीं हो सकता। गोवर्धन जी की कथा के बाद भगवान को छप्पन भोग का भोग लगाया गया आरती के प्रसाद वितरण किया गया। इस दौरान कथा में
कई भक्तजन, श्रद्धालु मौजूद थे।