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दीपावली से पहले घर आई लक्ष्मी का अनूठा स्वागत,  बेटी जन्म पर ढोल बजा आतिशबाजी करके मनाया जश्न

दीपावली से पहले घर आई लक्ष्मी का अनूठा स्वागत, बेटी जन्म पर ढोल बजा आतिशबाजी करके मनाया जश्न

 

दीपावली से पहले घर आई लक्ष्मी का अनूठा स्वागत,

बेटी जन्म पर ढोल बजा आतिशबाजी करके मनाया जश्न,

पेसवानी परिवार ने घर पंहुचने पर नवजात बच्ची का किया भव्य स्वागत,

वरिष्ठ पत्रकार मूलचंद पेसवानी के घर रमेश-गीता पेसवानी को हुई है दूसरी बेटी


शाहपुरा (रमेश पेसवानी)

शाहपुरा के दिलखुशाल बाग में बेटी जन्म पर एक परिवार द्वारा अनूठा जश्न देखा गया। दीपावाली से पहले बेटी जन्म के रूप में घर आई लक्ष्मी के स्वागत में परिवारजनों ने स्वागत में पलक पांवड़े बिछाए। जिला चिकित्सालय से जैसे ही नवजात बेटी को लेकर उसके माता-पिता अपने दादा-दादी के साथ लेकर पंहुचे तो ढोल बजाकर भव्य आतिशबाजी की गई।

 

यह नजारा देख हर कोई आश्चर्यचकित रह गया। वरिष्ठ पत्रकार मूलचंद पेसवानी के घर उनके पुत्र रमेश व पुत्रवधु गीता के दूसरी बेटी जन्म होने पर ये जश्न मनाया गया। जिला चिकित्सालय में बेटी का जन्म 29 अक्टूबर को हुआ और उसके बाद आज सकुशल जैसे ही बेटी को लेकर परिवारजन दिलखुशाल बाग स्थित अपने घर पंहुचे तो जमकर ढोल बजाकर, आतिशबाजी करके व फूलों से भव्य स्वागत सत्कार किया। बेटी के स्वागत के लिए घर को भी आकर्षक तरीके से सजाया गया। पूरे घर व मौहल्ले में आकर्षक सजावट की गई। 


दूसरी बेटी के जन्म के बाद पेसवानी परिवार ने प्रसूता व नवजात बेटी को ढोल बजाकर खुशियां मनाकर जिला चिकित्सालय से घर लाने का फैसला किया और वहां पहुंच गए। घर तक जश्न मनाते हुए जच्चा-बच्चा को घर लाया गया। पेसवानी परिवार की इस खुशी में मोहल्लेवासियों ने भी शिरकत की। पेसवानी परिवार के इस तरह से बेटी जन्म पर जश्न मनाकर स्वागत ने समाज के लोगों को बेटियों के प्रति जागरूकता का संदेश दिया है। घर पहुंचने पर माता-पिता गीता-रमेश पेसवानी व बिटिया की बुआ मोनिका पेसवानी ने आरती उतारकर टीका लगाकर माला पहनाकर धूमधाम से स्वागत कर गृहप्रवेश करवाया।


पेसवानी परिवार का कहना है कि बेटा-बेटी एक समान है। हमारे घर दूसरी नन्ही परी का आगमन हुआ तो उसका धूमधाम से स्वागत किया गया। बेटी के माता पिता गीता-रमेश पेसवानी ने बताया कि हम समाज के लोगों को यही संदेश देना चाहते हैं कि आज के समय में लड़के तो मां-बाप के बूढ़े होने पर उन्हें वृद्ध आश्रम में छोड़ आते हैं, लेकिन बेटियां हमेशा मां-बाप का साथ देती हैं। इसलिए बेटा-बेटी में कोई फर्क मत समझो। इन्हें भी बेटों की तरह खूब पढ़ने-लिखने और आगे बढ़ने का अवसर दो। 

उल्लेखनीय है कि रमेश गीता पेसवानी को 15 अगस्त 2021 को पहली बेटी का जन्म हुआ था तब भी इसी प्रकार तूषिका के घर आगमन पर ऐसी खुशियां मनाकर जोरदार स्वागत अभिनंदन किया गया था।

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