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मंदिरों में नित्य भजन कीर्तन, सनातन धर्म को पोषण देकर मजबूती देता है। == महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन।

मंदिरों में नित्य भजन कीर्तन, सनातन धर्म को पोषण देकर मजबूती देता है। == महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन।

बिजयनगर (रामकिशन वैष्णव) भीलवाड़ा हरि शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर के महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी उदासीन ने भादवा माह में  बुधवार को कोली मोहल्ला स्थित सौ वर्ष पुराने बाबा रामदेव मंदिर में पवित्र पग्गलियो और भादुड़ी छट की पूर्व संध्या पर देवनारायण मंदिर के दर्शन किए। कोली समाज के सचिव मुरलीधर लोरवाडिया ने बताया कि, समाज के पंचों के आग्रह पर महामंडलेश्वर हंसराम जी उदासीन आज भादवा माह बाबा रामदेव मंदिर शताब्दी महोत्सव के क्रम में आज कोली समाज के पंचों द्वारा लाए गए पवित्र संगमरमर के पग्गलियो के दर्शन करके चंदन और केसर अर्पित किए। साथ ही देवनारायण मंदिर मूर्ति के समक्ष भी पूजा अर्चना की
समाज अध्यक्ष ओम प्रकाश सुनारिया ने बताया की स्वामी का समाज के पंचों द्वारा मारवाड़ी साफा बांधकर केसरिया शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया। इस अवसर पर महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम जी ने भक्तो और समाज बंधुओ का आवाह्न करते हुवे बताया की मंदिरों में नित्य भजन कीर्तन करने से सनातन धर्म मजबूती  देता उसका पोषण करता है, आने वाली पीढ़ी में संस्कार मर्यादा आती है और समाज को आगे बढ़ने की प्रेरणा ईश्वर देता है।
इसलिए पूर्वजों द्वारा बनाए मंदिरों में नित्य पूजन भजन कीर्तन करना चाहिए। स्वामी जी ने कोली मोहल्ले में गलियों का भ्रमण करके भक्तो को दर्शन भीं दिए। भक्तो ने पुष्प वर्षा करके महाराज जी का स्वागत किया। महामंडलेश्वर जी के पहली बार मंदिरों में आगमन से समाज के पंचों में हर्ष  हुआ और गौरव की अनुभूति हुई। इस अवसर पर कोषध्यक्ष महेंद्र गेंडावध, चुनीलाल पटेल, लादू लाल बछापरिया, रामलाल तलाया, लालूराम, देवीलाल गड़ोरिया, राकेश, सोनू, सुनील, मोती लाल, महेंद्र कुमार  केसरीमल, बाबू लाल खोरवाल आदि मौजूद थे।

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