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कलश व शोभायात्रा के साथ दिव्य चातुर्मास की शुरुआत, प्रथम पूज्य श्री गणेश पुराण कथा से

कलश व शोभायात्रा के साथ दिव्य चातुर्मास की शुरुआत, प्रथम पूज्य श्री गणेश पुराण कथा से

गुलाबपुरा (रामकिशन वैष्णव) स्थानीय सार्वजनिक धर्मशाला में
श्रीदिव्य चातुर्मास के पावन अवसर पर 'सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय' (भव्य-सत्संग) की शुरुआत शोभायात्रा के साथ हुई! कलश व शोभायात्रा श्री गणेश मंदिर से शुरू हो कर गाजेबाजे के साथ शहर के मुख्य मार्गो से होती हुई सार्वजनिक धर्मशाला पहुंची! जहाँ श्रीमद् गणेश महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ (प्रथम-दिवस)पर
कथा व्यास-श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर श्री दिव्य मोरारी बापू  ने कथा का विषय-श्रीमद् गणेश महापुराण का माहात्म्य एवं मंगलाचरण, एवं महाराज श्री ने बताया कि सनातन धर्म में पांच देवता प्रधान माने गये हैं।एक ही परमात्मा पांच  रूपों में अभिव्यक्त हो रहे हैं,  उनमें गणपति का प्रथम स्थान है।
घर-घर में गणेश पूजा होती है।  किसी भी मंगल कार्य में पहले गणेश पूजा अवश्य होती है। मकान बनाते हैं तो दरवाजे पर गणेश जी की प्रतिमा लगाते हैं। अपने खाता बही में भी स्वास्तिक के रूप में श्रीगणेशजी की ही स्थापना होती है। स्वास्तिक गणेश जी गणेशजी ही हैं। श्री गणेश जी के चार हाथ वही चारों दिशाओं में रेखायें हैं। श्री गणेश जी के पुत्र हैं शुभ और लाभ। जो भी प्रायः खाता बही में दिवाली के दिन लिखे जाते हैं। विवाह हो, मुंडन हो, दुकान का उद्घाटन हो, यात्रा हो प्रत्येक कार्य में गणपति का प्रथम पूजन होता है।गणपति पूजन करके जो कार्य आरंभ करते हैं श्री गणेश भगवान् उनकी हर प्रकार से रक्षा करते हैं।
विघ्नों का निवारण करना ये श्री गणेश जी का प्रमुख कार्य है। ये गणाध्यक्ष हैं और सर्वाध्यक्ष हैं। यें गणों के भी अध्यक्ष हैं और सारे ब्रम्हांड के भी अध्यक्ष हैं।
श्री गणेश जी की प्रथम पूजा यह सिद्ध करती है कि- श्री गणेश जी सबसे बड़े देवता हैं। मान लिया जाय जगद्गुरु श्री रामानंदाचार्य जी के साथ दस संत और भी आये हैं आप प्रथम माला किसे पहनायेंगे? श्री रामानंदाचार्य जी को। तिलक किसे करेंगे ? पहले श्री रामानंदाचार्य जी को, क्यों ? क्योंकि सभी संतो में जगद्गुरु श्री रामानंदाचार्य श्रेष्ठ है। जो श्रेष्ठ होता है, विशेष होता है, उसकी पूजा पहले हुआ करती है।
समग्र देवताओं ने मिलकर श्री गणेश भगवान् को सर्वाध्यक्ष पद दिया है। श्री गणेश महापुराण  सभी पुराणों में प्रथम पूज्य है। दिव्य चातुर्मास 5 जूलाई से एक नवम्बर तक गुलाबपुरा में होगा, जिसमें श्री गणेश पुराण, श्री शिव पुराण, श्री मदृ भागवत गीता, श्री विष्णु पुराण, श्री देवी पुराण, भागवत पुराण, श्री राम कथा श्री भगतमाल कथा सहित का आयोजन होगा! इस दौरान पालिका चेयरमैन सुमित काल्या, पार्षद महावीर लढा, कांग्रेस अध्यक्ष मधुसुदन पारिक, भामाशाह बसन्ती लाल काल्या इत्यादि ने श्री महामंडलेश्वर श्री दिव्य मुरारी बापू का स्वागत कर आशीर्वाद लिया! इस अवसर पर श्री घनश्यामदास जी महाराज, दिव्य सत्संग मंडल अध्यक्ष अरविंद सोमाणी, शिवप्रसाद नागौरी, नंदकिशोर काबरा, रामकुमार चौधरी , एडवोकेट विजय प्रकाश शर्मा, सुभाष शर्मा, ओम प्रकाश शर्मा, चंद्र कांता बाहेती, कांता सोमाणी, दिनेश सोमाणी, अशोक अजमेर सहित श्रद्धालु मौजूद थे!

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