-->
शाहपुरा जिले में शामिल करने के विरोध में बिजौलियां  बन्द सफल -मुद्दा बड़ा फिर भी आमजन ने दिखाई बेरुखी,नहीं जुटी पर्याप्त भीड़

शाहपुरा जिले में शामिल करने के विरोध में बिजौलियां बन्द सफल -मुद्दा बड़ा फिर भी आमजन ने दिखाई बेरुखी,नहीं जुटी पर्याप्त भीड़


बिजौलियां(जगदीश सोनी)।बिजौलियां को नवसृजित शाहपुरा जिले में शामिल करने के विरोध में बिजौलियां कस्बा समेत सम्पूर्ण उपखण्ड के गांवों के बाजार पूर्ण रूप से बंद रहे।मार्च महीने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 19 नए जिले बनाए जाने की घोषणा के बाद बिजौलियां समेत सम्पूर्ण मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र को नवसृजित शाहपुरा जिले में शामिल किए जाने की चर्चाओं के साथ ही इसका विरोध शुरू हो गया था।इस मुहिम के तहत एक सर्वदलीय बैठक आयोजित कर 'मांडलगढ़ विधानसभा बचाओ संघर्ष समिति' का गठन किया गया।इस समिति के आह्वान पर ही मंगलवार को बिजौलियां कस्बे समेत सम्पूर्ण उपखण्ड के गांवों के बाजार बंद रहे।ग्राम पंचायत चौक से रैली निकाल कर मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी सीमा तिवाड़ी को ज्ञापन सौंपा गया।ज्ञापन में बिजौलियां से शाहपुरा की दूरी ज्यादा होने,आवागमन के साधनों की कमी,खनन क्षेत्र  होने व राजनीतिक कारणों का हवाला देते हुए बिजौलियां व सम्पूर्ण मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र को भीलवाड़ा जिले में ही यथावत रखने की मांग की गई।विरोध के क्रम में बुधवार को क्षेत्र की सभी खदानों पर खनन कार्य बंद रहेगा।
*आमजन की बेरुखी,मुद्दा बड़ा फिर भी नहीं जुटी भीड़*
बिजौलियां को नवगठित शाहपुरा जिले में शामिल करने का मुद्दा बड़ा  व आमजन से जुड़ा होने के बावजूद रैली व ज्ञापन के दौरान उम्मीद के मुताबिक  लोग इकट्ठा नहीं हुए।ज्यादातर भाजपा व कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता ही नजर आए वहीं आमजन कम तादाद में  शरीक हुए।जबकि बन्द को भाजपा व कांग्रेस समेत सभी सामाजिक व व्यापारिक संगठनों का समर्थन प्राप्त था।वहीं लोगों का कहना हैं कि जब तक आंदोलन व्यापक और दमदार नहीं होगा तब तक राज्य सरकार निर्णय बदलने को लेकर बाध्य  नहीं होगी।साथ ही लोगों द्वारा अंतिम और सटीक  विकल्प के रूप में जनहित याचिका के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की भी चर्चा रही।
*सिर्फ सोशल मीडिया से मिली जानकारी की बिना पर किया जा रहा विरोध*
जब से प्रदेश में 19 नए जिलों की घोषणा हुई तब से लेकर आज तक बिजौलियां को शाहपुरा जिले में शामिल करने की जानकारी का आधार सिर्फ सोशल मीडिया को ही बताया जा रहा हैं।न तो सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस का कोई नेता या जनप्रतिनिधि सरकार के सूत्रों के हवाले से और न ही विपक्षी दल भाजपा वाले  बिजौलियां समेत मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र को शाहपुरा में शामिल किए जाने के बारे में कोई तथ्यात्मक जानकारी दे पा रहे हैं।दोनों दलों के नेताओं द्वारा मीडिया/सोशल मीडिया में जारी किए गए बयान और ज्ञापनबाजी में बिजौलियां-मांडलगढ़ को शाहपुरा में शामिल करने का आधार सिर्फ और सिर्फ सोशल मीडिया से मिली जानकारी को ही बताना इन नेताओं के स्तर और पहुंच को जगजाहिर  कर रहा हैं।ज्ञापन के दौरान विधायक व संघर्ष समिति संयोजक गोपाल खंडेलवाल,पूर्व विधायक व संघर्ष समिति अध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह , पूर्व जिला प्रमुख शक्तिसिंह हाड़ा,पूर्व विधायक बद्री प्रसाद गुरुजी,पूर्व प्रधान गोपाल मालवीय, भवानीशंकर शर्मा,शक्तिनारायण शर्मा,अंकित तिवाड़ी,हीरा जोगी,हर्षेन्द्रा कंवर,संजय धाकड़,मनोज गोधा,सत्यनारायण मेवाड़ा,रमेश गुरुजी,शिव चंद्रवाल,शांतिलाल जोशी,मुकेश धाकड़,सुमित जोशी,देवेंद्र लक्षकार,हितेंद्र राजोरा,पंकज जैन,सुनील जोशी,बिट्ठल तिवाड़ी,जगदीश सांखला,बलवंत चौहान,संजय चौहान,अनिल खटीक व हीरा सोलंकी समेत कई लोग मौजूद रहे।

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article