शाहपुरा भाविप के चुनाव में मून्दड़ा अध्यक्ष निर्वाचित, विजेताओं को बांटे पुरूस्कार
भारत विकास परिषद शाखा शाहपुरा के चुनाव रविवार को आदर्श विद्या मन्दिर परिसर में चुनाव अधिकारी यशपाल पाटनी के निर्देशन में आयोजित किये गये। चुनाव में शाहपुरा के कृष्णगोपाल मूंदडा को सर्वसम्मति से निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया गया। नवनिर्वाचित अध्यक्ष मूंदडत्रा ने भाविप के सेवा कार्यो को विस्तारित करने का संकल्प लेते हुए कहा कि प्रांत व अखिल भारतीय स्तर पर शाखा का स्तर उंचा उठाने के लिए सभी संभव प्रयास किये जायेगें। चुनाव में सचिव पद पर दिलीप कुमार धूपिया एवं कोषाध्यक्ष पद पर भागचंद मंत्री निर्वाचित किये गये।
चुनाव अधिकारी यशपाल पाटनी एवं जिला पर्यवेक्षक देवराज सुल्तानिया ने तीनों निर्वाचित पदाधिकारियों को पदभार संभलवाया। निर्वतमान अध्यक्ष जयदेव जोशी, सचि सत्यनारायण सेन एवं कोषाध्यक्ष परमेश्वर सुथार ने अपना दायित्व तथा शाखा के 151 मेंबर सहित सभी प्रकल्प के दायित्व नए पदाधिकारियों को सौंपे।
भाविप का वार्षिक पुरस्कार वितरण
भाविप की शाहपुरा शाखा का वार्षिक पुरूस्कार वितरण समारोह मुख्य अतिथि शंकर लाल तोषनीवाल, अध्यक्ष जयदेव जोशी, विशिष्ट अतिथि कृष्णगोपाल मूंदड़ा, देवराज सुल्तानिया एवं यशपाल पाटनी के सानिध्य में हुआ। वर्ष भर में हुए कार्यक्रमों में विजेता रहे सभी विजेताओं को पुरस्कार वितरण किया गया। दीप प्रज्वलन प्रतियोगिता में प्रथम रुचि चैधरी, द्वितीय सप्रिहा सुवालका, तृतीय प्रियंका सोमानी रहे। रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम रुचि चैधरी, द्वितीय रेखा पोरवाल, तृतीय आरती सनाढ्य रहे। भजन प्रतियोगिता में प्रथम सीमा उपाध्याय, द्वितीय मीना राठौड़ व सुनीता समदानी, तृतीय प्रवीणा गुजराती व इंदिरा धूपिया, अंत्याक्षरी प्रतियोगिता में प्रथम आशा भोसले दल जिसमें माया शर्मा, पूजा पारीक, देव धाकड़, प्रवीणा गुजराती प्रथम रहे। द्वितीय लता मंगेशकर दल जिसमें इंदिरा धूपिया सोनाली पोरवाल भगवती झंवर और सुनीता समदानी तथा तृतीय कविता कृष्णमूर्ति दल इसमें मृदुला गोठवाल पूनम धूपङ सीमा उपाध्याय नयनबाला सोमानी थे, रहे। एक शाम शहीदों के नाम में प्रथम अनीता टाक, द्वितीय सरिता बघेरवाल, और तृतीय मिथिलेश राठौड़, लड्डू गोपाल सजाओ प्रतियोगिता में प्रथम हर्षिता सेन, द्वितीय प्रवीणा गुजराती, रानू पोरवाल तृतीय सोनाली पोरवाल रेखा गॉड तथा आशु वार्ता में प्रथम आरुषि धाकड़, द्वितीय नारायण कहार, और तृतीय डोली कहार को पारितोषिक दिया गया।