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राशमी: ठंड में किसानों पर बिजली का चाबुक, अघोषित बिजली कटौती से परेशान

राशमी: ठंड में किसानों पर बिजली का चाबुक, अघोषित बिजली कटौती से परेशान


राशमी (चित्तौड़गढ़) संवाददाता कैलाश चन्द्र सेरसिया

किसानी पर प्राकृतिक आपदा के शिकार अन्नदाता किसी तरह पिछली विपत्तियों को भूलकर खेती को संवारने में लगे हैं परंतु प्रकृति के बाद अब बिजली विभाग का सितम भी उन पर कहर बनकर टूट रहा है। आलम यह है कि गेहूं की सिंचाई के लिए किसान इस ठंड में जान जोखिम में डालकर खेत में ही रात बिता रहे हैं पर कहीं ट्रांसफार्मर जलने का जोखिम तो कहीं बिजली के तारों का टूटना उनके हिस्से आ रहा है।दूसरी ओर बिजली के आने-जाने का शेड्यूल ऐसा कि उसके इंतजार में उन्हें पूरी रात ठंड में ही ठिठुरकर गुजारनी पड़ रही है। किसानों की समस्या पर एक तरफ जनप्रतिनिधि उदासीन तो दूसरी तरफ बिजली विभाग लापरवाह।

उपखंड क्षेत्र में आज अल सुबह सवा 4 बजे बिजली गुल होने से किसान अपने खेतों पर बिजली के इंतजार में ठिठुरते रहे। भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्य समिति सदस्य एवं समाजसेवी दिनेश चंद्र सेन राशमी ने बताया कि अल सुबह बिजली गुल होने से किसान अपने खेतों पर ठंड से परेशान रहे, हमने बिजली विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को फोन लगाया तो किसी ने फोन नहीं उठाया। सेन ने बताया कि अघोषित बिजली कटौती से कृषि कार्य प्रभावित होने से किसानों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। यही हाल रहा तो गेहूं की बुआई पिछड़ना तय लग रहा है। समस्याओं का समाधान अविलंब नहीं किया गया तो हम लोग आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे।


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