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शाहपुरा की साहित्यकार अनुराग बाला पाराशर का निधन, 17 को होगी अंत्येष्ठि

शाहपुरा की साहित्यकार अनुराग बाला पाराशर का निधन, 17 को होगी अंत्येष्ठि

 

शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी || शाहपुरा की ख्यातनाम साहित्यकार व भाविप की पूर्व शाखा अध्यक्ष अनुराग बाला पाराशर का आकस्मिक देहावसान हो गया है। वो 61 वर्ष की थी। मंगलवार रात में नेपाल की धार्मिक यात्रा कर वापस लौटने के दौरान बार्डर के पास रक्सोल के पास हृदयगति रुक जाने से निधन हो गया। अनुरागबाला पाराशर के निधन की सूचना समूचे शाहपुरा में आग की तरह फैल गयी। चारों ओर शोक की लहर छा गयी। उनके पार्थिव शरीर को शाहपुरा लाया जा रहा है। आज देर शाम तक यहां पहुंच पाएंगे। गुरूवार को उनकी अंत्येष्ठि होगी। उनके पारिवारिक सदस्य गीतकार सत्येंद्र मंडेला के अनुसार अनुराग बाला पाराशर के शव को शाहपुरा लाया जा रहा है आज रात तक शाहपुरा पहुंचने पर गुरूवार को सुबह अंत्येष्ठि होगी। 
सरकारी शिक्षिका रही अनुराग बाला पाराशर बहुत मृदुभाषी, विदुषी कवयित्री, लेखिका, साहित्यकार, आदर्श शिक्षिका और लोकप्रिय सामाजिक कार्यकर्ता रही। उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियों की रचनाएं भी  उन्होंने की। वे सौम्यता की प्रतिमूर्ति थी। 
वर्ष 2013 में कन्या भ्रुण हत्या पर आधारित उनकी पहली पुस्तक धड़कन एक सौ बीस के अलावा 2018 में प्रेम व प्रेरणा का नव काव्य राम रतन धन के अलावा 60 सोपान ने उनको राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई। राम रतन धन पुस्तक तुलसीदास एवं रत्नावली के अकल्पनीय प्रेम एवं अनूठी अविश्वसनीय प्रेरणा पर आधारित काव्य रचना थी। अंतर्राष्ट्रीय जूरी अवार्ड प्राप्त दादू डाॅट काॅम शार्ट मूवी में अनुरागबाला पाराशर द्वारा लिखे गये संगीत के बोल अंधेरा नहीं है फिर भी डर रहा हूं में तथा डब्लूडब्लू डाॅट काॅम खूब सराहे गये। संत समाज पर बनी डाक्यूमेंट्र फिल्म रामद्वारा द अनटोल्ड स्टोरी में भी कांसेप्ट अनुरागबाला पाराशर का ही था। तुलसी का मानस व संत असंत और क्रांति और साहित्य अंतर्संबध इनकी पुरस्कृत रचनाएं है। उनकी रचनाएं आकाशवाणी से भी प्रसारित हो चुकी है। 
20 दिसम्बर 1961 को कासगंज उत्त्रप्रदेश में जन्मी अनुरागबाला पाराशर ने एमए करने के बाद राजस्थान में राजकीय शिक्षिका के रूप में सेवाएं दी। आपका विवाह आयुर्वेद के जिला अधिकारी रहे डा. कमलेश कुमार पाराशर से हुआ। 
शाहपुरा के गांधीपुरी निवासी अनुरागबाला पाराशर ने भारत विकास परिषद, शक्ति संचय, नयः आस्था साहित्य कला मंच के माध्यम से समाजसेवा व साहित्य के क्षेत्र में कार्य किया। इनको कई संगठनों की ओर से साहित्य के क्षेत्र की सेवाओं के कारण सम्मानित किया गया। अनुरागबाला पाराशर के पुत्र भरत सनाठ्य नईदिल्ली में आज तक चैनल में ग्राफिक्स डिजाईनर है तथा पुत्रवधु अपेक्षा सनाठ्य नगर पालिका शाहपुरा में पार्षद है।

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