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*आमजन का विश्वास ही हमारा सबसे बड़ा अवार्ड- जिला कलक्टर श्री अरविंद कुमार पोसवाल*

*आमजन का विश्वास ही हमारा सबसे बड़ा अवार्ड- जिला कलक्टर श्री अरविंद कुमार पोसवाल*

राशमी (चित्तौड़गढ़) संवाददाता कैलाश चन्द्र सेरसिया
*राजस्व दिवस पर जिला स्तरीय समारोह*


चित्तौड़गढ़, 15 अक्टूबर। राजस्व दिवस पर जिला कलक्टर श्री अरविंद कुमार पोसवाल की अध्यक्षता में शनिवार को जिला स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। डीओआईटी के वीसी कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में जिला कलक्टर श्री पोसवाल ने राजस्व दिवस की शुभकामनाएं देते हुए आमजन के लिए राजस्व विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका बताई। 
उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग पर सबसे ज्यादा भरोसा किया जाता है, इसीलिए हर जिम्मेदारी राजस्व विभाग को सौंपी जाती है। यही हमारा सबसे बड़ा अवार्ड है। प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारी का यह दायित्व है कि वह आमजन के विश्वास को बनाए रखें। ज्यादा से ज्यादा लोगों को राज्य सरकार की योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ मिल सके इसके लिए नई सोच व नवाचार अपनाएं।

*उत्कृष्ट कार्यों के लिए अधिकारी-कर्मचारी सम्मानित*
 
इस अवसर पर जिला कलक्टर ने अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) गितेश श्री मालवीय को राजस्व न्यायालय प्रकरणों के समयबद्ध निस्तारण, चित्तौड़गढ़ तहसीलदार शिव सिंह शेखावत को राजस्व मामलों एवं कानून व्यवस्था में त्वरित कार्यवाही तथा ग्राम पंचायत अरनिया जोशी के सरपंच गजेंद्र पालीवाल को राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया। राजस्व विभाग के उत्कृष्ट कार्य करने वाले बड़ी सादड़ी नायब तहसीलदार मुकेश महात्मा, तहसील गंगरार राजस्व लेखाकार दिनेश कुमार पालीवाल, तहसील चित्तौड़गढ़ भूअभिलेख निरीक्षक कैलाश सिंह राव, तहसील गंगरार भूअभिलेख निरीक्षक मिट्ठू सिंह राजपूत, बस्सी तहसील पटवारी निर्भय राम धाकड़, कपासन तहसील पटवारी निधि जैन, कनिष्ठ सहायक भू अभिलेख अनुभाग शिवराम सैनी, कनिष्ठ सहायक स्थापन अनुभाग रूमा मिश्रा को भी सम्मानित किया गया।
   इससे पहले जिला कलक्टर अरविंद कुमार पोसवाल तथा राजस्व विभाग के अन्य अधिकारी वीसी के माध्यम से राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शामिल हुए। 
   गौरतलब है कि 15 अक्टूबर 1955 को राजस्थान काश्तकारी अधिनियम लागू हुआ जिससे प्रदेश के किसानों एवं खेतीहर परिवारों को कृषि भूमि के खातेदारी अधिकार मिल सके। इस कार्य में राजस्व कार्मिकों की भूमिका को ध्यान में रखते हुए 15 अक्टूबर 2020 से प्रदेश में राजस्व दिवस के रूप में मनाना शुरू किया गया।

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