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वार्मर की ज्यादा हीट से दो बच्चों की मौत के मामले में बाल आयोग अध्यक्ष ने ली बैठक

वार्मर की ज्यादा हीट से दो बच्चों की मौत के मामले में बाल आयोग अध्यक्ष ने ली बैठक

वार्मर से दो बच्चों की मौत दुर्भाग्यपूर्ण, जांच करा दोषी को मिले सजा-संगीता बेनीवाल 

भीलवाड़ा, मूलचन्द पेसवानी

भीलवाड़ा के महात्मा गांधी हॉस्पिटल के एमसीएचसी सेंटर में वार्मअप मशीन से दो बच्चों की मौत के मामले में राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने शनिवार को भीलवाड़ा पहुंच कर कलेक्ट्रेट में समीक्षा बैठक ली। उन्होंने पूरे प्रकरण की लिखित में रिपोर्ट लेने की बात कहते हुए अधिकारियों से कहा है कि इस मामले में दोषी किसी भी अधिकारी व कार्मिक को बख्शा नहीं जायेगा।

बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि समीक्षा बैठक में जिला चिकित्सालय के पीएमओ हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. अरूण गौड़ से विस्तार से जानकारी प्राप्त कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये है। बेनीवाल ने कहा कि वार्मर से झुलस कर दो मासूम बच्चों की मौत के मामले में किसी के भी दोषी पाये जाने पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये है। उन्होंने इस मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि दोषी को सजा मिलेगी। 

बेनीवाल ने कहा कि जिला चिकित्सालय में हुए इस हादसे के मामले में आज जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में समीक्षा बैठक कर मामले की जांच कर दोषियों को सजा देने के साथ ही हाॅस्पिटल में व्यवस्था में सुधार के बारे में विचार विमर्श किया गया है। इसमें जरूरत पड़ने पर वो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से वार्ता कर उनको मामले की रिपोर्ट देने के साथ ही सुविधाओं के विस्तार की अभिशंसा करेगी। उन्होंने बैठक में सभी अधिकारियों को सामाजिक चेतना के लिए काम करने की बात कहते हुए कहा कि इस प्रकार के मामले की पुर्नरावति न हो इसके पुख्ता प्रबंध किये जाये। 



उल्लेखनीय है कि जिला चिकित्सालय में हुए इस हादसे के मामले में चार सदस्य टीम ने अपनी रिपोर्ट हॉस्पिटल अधीक्षक डा. अरूण गोड़ को सौंप दी गई है। रिपोर्ट में टीम द्वारा हॉस्पिटल के तीन और कर्मचारियों की इस मामले में लापरवाही मानी गई है। इस पूरे मामले की जांच महात्मा गांधी हॉस्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ, नर्सिंग अधीक्षक, मेडिकल ज्यूरिस्ट व एक सर्जन द्वारा की गई है। 

गौरतलब है कि महात्मा गांधी हॉस्पिटल के एमसीएचसी सेंटर में मंगलवार रात को एनआईसीयू  में 21 दिन की बच्ची व 10 दिन के बच्चों को रखा हुआ था। रात को वार्मअप मशीन की हीट बढ़ने से दोनों बच्चे झुलस गए थे जिससे मंगलवार रात को 21 दिन के बच्ची की मौत हो गई थी। वहीं गुरुवार को 10 दिन के बच्चे की भी मौत हो गई थी। इसके बाद बच्चों के परिजनों ने हॉस्पिटल में हंगामा किया था। जिसके बाद हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा चार सदस्यों की टीम को इस मामले की जांच करने के आदेश दिए थे। इस मामले में हंगामा होता देख हॉस्पिटल प्रबंधन ने ठेके पर लगे दो कर्मचारियों की बुधवार को ही सेवा समाप्त कर दी थी। इसके बाद भी परिजनों ने अन्य दोषी कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की थी।

10 दिन के बच्चे की जलने और ऑर्गन फेल होने से मौत-

भीलवाड़ा के हुरड़ा के रहने वाले विष्णु खटीक के 10 दिन के बच्चे की वार्मर से मौत के बाद पोस्टमार्टम करवाया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नवजात की मौत का कारण शरीर जलता और उसके ऑर्गन फेल होना पाया गया है। शरीर में आक्सीजन की कमी से मौत हो गई। वहीं चित्तौड़गढ़ के मरमी गांव के रहने वाले पप्पू वैष्णव ने 21 दिन की बच्ची की मौत के बाद पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया था।

डॉक्टरों को जारी किए नोटिस-

जांच के बाद हॉस्पिटल प्रबंधन ने काम में लापरवाही बरतने के मामले में एमसीएचसी सेंटर के कार्यवाहक प्रभारी डॉ.कुलदीप सिंह, नर्सिंग आफिसर सलीम व सुनील पोरवाल को 16 सीसी का नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही डॉ. शालिनी और डॉ. रविनाथ को कारण बताओ का नोटिस जारी किया है।

वार्मअप मशीन में थी खराबी-

वार्मअप मशीन में लम्बे समय से तकनीकी खामी चल रही थी। वार्मअप मशीन में रखे गए बच्चों को सिर्फ 35 डिग्री का तापमान चाहिए था। लेकिन वार्मअप मशीन 43 डिग्री पर हीट हो रही थी। ऐसे में दोनों की बच्चों हो गई। ड्यूटी करने वाले स्टाफ और डॉक्टर ने मामले की हॉस्पिटल प्रबंधन को शिकायत भी कर रखी थी। यहां कई मशीन ओवर हीट कर रही थी। ऐसे में प्रबंधन से इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया और न ही ड्यूटी पर आए डॉक्टर और कर्मचारियों ने इस बात पर ध्यान दिया। ओवर हीट करने वाली एक मशीन पर इन दो मासूम को रख दिया गया था। लेकिन प्रबंधन ने डॉक्टर को नोटिस देकर अपनी गलती को छुपा दिया।

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