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रासायनिक खाद व कीटनाशकों का अंधाधुंध उपयोग हैं कैंसर का कारण

रासायनिक खाद व कीटनाशकों का अंधाधुंध उपयोग हैं कैंसर का कारण


बिजौलियां(जगदीश सोनी)।आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आत्मनिर्भर किसान विषय पर किसानों के लिए जागेश्वर महादेव सामुदायिक भवन  में किसान सम्मेलन व ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपनिदेशक कृषि आत्मा डॉ.जीएल चावला ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जरूरत से अधिक मात्रा में डीएपी व यूरिया जैसी केमिकल खाद के उपयोग से जमीन की उर्वरक शक्ति कमजोर होती है अतः इनका सीमित मात्रा में उपयोग करें।उनहोनर कहा कि हम बीमार होते हैं तो अस्पताल जाते हैं,जांच करवाते हैं। इसी प्रकार हमें खेती की मिट्टी की जांच करवा कर फिर आवश्यकतानुसार खाद डालनी चाहिए।बारानी कृषि अनुसंधान केंद्र के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. के. छाता ने कहा कि आज बढ़ती हुई कैंसर की बीमारी व लड़ाई-झगड़ों का एक प्रमुख कारण है, रासायनिक खाद व कीटनाशकों का अंधाधुंध उपयोग।  किसान पशु पालन करें, गोमूत्र और गोबर की खाद का उपयोग करें तो पैदावार भी अच्छी होगी, अनाज पौष्टिक व स्वादिष्ट होगा। टोंक से आए ब्रम्हाकुमारी के प्रवक्ता प्रहलाद भाई ने  केमिकल की खेती, जैविक खेती, और यौगिक खेती पर प्रकाश डालते हुए बताया की यौगिक खेती सर्वश्रेष्ठ खेती है।इसमें पौधों को जैविक खाद के साथ-साथ अपनी शुभकामनाओं के प्रकंपन्न भी पहुंचते हैं ।परिणाम स्वरूप उपज की गुणवत्ता बहुत ही उत्तम होती है तथा खेती का खर्चा भी काम आता है। इस प्रकार की खेती से ही भारत पुनःदिव्य आत्माओं की भूमि बन सकेगा।ब्रम्हाकुमारी तारा बहन ने खेती में राजयोग  के प्रयोग से पांच तत्व को शक्तिशाली व सतोप्रधान बनाने की विधि बताई।  उदय लाल कोली नोडल अधिकारी, सोनिया धाकड़ एएओ ने भी अपने विचार रखें।कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी रचना बहन ने किया।

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