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भीम-उनियारा हाइवे को बिजौलियां उपखण्ड से निकाल कर सिंगोली(एमपी) से जोड़ने हेतु नए हाइवे स्वीकृति की मांग

भीम-उनियारा हाइवे को बिजौलियां उपखण्ड से निकाल कर सिंगोली(एमपी) से जोड़ने हेतु नए हाइवे स्वीकृति की मांग

बिजौलियां(जगदीश सोनी)। भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज गोधा ने भूतल परिवहन मंत्री(राष्ट्रीय राजमार्ग) को पत्र भेज कर राजस्थान के भीलवाड़ा-बूंदी जिले के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग भीम- उनियारा को बिजौलियां उपखंड क्षेत्र से होते हुए मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित सिंगोली से जोड़ने हेतु नया राष्ट्रीय राजमार्ग स्वीकृत करने की मांग की। भीलवाड़ा जिले का  बिजौलियां जो कि पूरे भारत में स्वतंत्रता संग्राम के समय किसान आंदोलन के लिए प्रसिद्ध है।वहीं उपखंड क्षेत्र में पूरे देश की सबसे अधिक सेंड स्टोन की खदानें एवं सबसे बड़ी एक्सपोर्ट की मंडी है। बिजौलियां के सेंड स्टोन की विदेशों में बहुत मांग हैं। बिजोलिया की सेंड स्टोन की मंडी एवं खदानों को मध्य प्रदेश राज्य एवं राजस्थान की राजधानी जयपुर से जोड़ने की बहुत ही महत्वपूर्ण आवश्यकता है। इस हाईवे रोड के स्वीकृत होने पर सेंड स्टोन मध्य प्रदेश एवं देश के अन्य राज्यों में आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकेगा। उपरोक्त हाईवे के बन जाने पर बिजौलियां क्षेत्र से जहाजपुर, देवली, केकड़ी, सरवाड़,नसीराबाद,टोंक व निवाई होते हुए राजधानी जयपुर के लिए 30-40 किलोमीटर की दूरी कम पड़ेगी। जिससे समय एवं अनावश्यक खर्च होने वाले ईंधन की बचत होगी। वर्तमान में यह सड़क स्टेट हाईवे के रूप में स्थित है एवं पूरी तरह से टूटी हुई है। इस पर ट्रैफिक भर भी अत्यधिक बना रहता है, लेकिन राज्य सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है। जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। इस संबंध में ज्ञात हो कि इस हाईवे रोड के स्वीकृत होने से धार्मिक पर्यटन को भी बहुत अधिक बढ़ावा मिलेगा। क्योंकि इस सड़क से क्षेत्र के बिजौलियां पार्श्वनाथ तीर्थ क्षेत्र, तिलस्वां महादेव, विश्व प्रसिद्ध मेनाल जलप्रपात,भीमलत जलप्रपात, जोगणिया माता जी, 12 वीं शताब्दी में निर्मित मंदाकिनी महादेव, सीता का कुंड, सेवन फॉल जलप्रपात,भड़किया  माता जी जलप्रपात एवं जहाजपुर का स्वस्तिधाम जहाज मंदिर का सर्किट जुड़ जाएगा।हाईवे भीम से उनियारा रोड पर शक्करगढ़ से माँगटला, माल का खेड़ा, बिजौलियां, राणा जी का गुढ़ा, चंपापुर व कांस्या  से मध्य प्रदेश को जोड़ने वाली सड़क जो करीब 70 किलोमीटर है, इसको हाईवे की स्वीकृति प्रदान किए जाने पर राजस्थान के उद्योग इकाई के रूप में सेंड स्टोन के व्यवसाय में एक नई क्रांति का सूत्रपात होगा।साथ ही धार्मिक पर्यटन के उद्योग के भी दो राज्यों के जुड़ जाने से बहुत बड़ा लाभ होगा।

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