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पीएम बनने से भी ज्यादा मुश्किल हैं सामाजिक व्यवस्थाओं को बदलना

पीएम बनने से भी ज्यादा मुश्किल हैं सामाजिक व्यवस्थाओं को बदलना

बिजौलियां(जगदीश सोनी)। किसी भी समाज में व्याप्त कुरीतियों को खत्म करना बहुत बडी चुनौती होती है क्योंकि देश का प्रधानमंत्री बनने से भी ज्यादा मुश्किल होती है किसी समाज में चल रही व्यवस्थाओं को बदलना। शिक्षा व पैसे का पावर सकारात्मक कार्यो में लगाने से ही क्षेत्र व देश का चहुमुखी विकास होगा वर्ना दोनों   बर्बादी का कारण बन जाते है।उक्त उदबोधन आज  पूर्व जिला प्रमुख इंजीनियर कन्हैया लाल धाकड़ ने बिजौलिया में आदर्श धाकड़ विद्यापीठ सीनियर सेकेंडरी स्कूल के वार्षिकोत्सव व पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में दिया।इस समारोह की अध्यक्षता ऊपरमाल धाकड़ समाज पंचायत के अध्यक्ष देबीलाल धाकड़ ने की तथा बिजौलिया उपप्रधान कैलाश धाकड़, सरपंच संघ के अध्यक्ष मोहनलाल धाकड़, पूर्व प्रधानाचार्य कदिरुदीन मंसूरी,पंचायत समिति सदस्या विनीता गोखरू, सुखपुरा सरपंच पाँचूलाल भील, थडोदा सरपंच राजेश धाकड़, गोपाल पूरा सरपंच रामलाल धाकड़, तिलस्वां के पूर्व सरपंच राजकुमार सेन,विक्रम पूरा के पूर्व सरपंच नारायण लाल धाकड़, सलावटिया उपसरपंच वीरेन्द्र धाकड़, सदाराम जी का खेड़ा के उपसरपंच राजेश धाकड़ विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे।उक्त सभी अतिथियों का विद्यालय के प्रधानाचार्य शिवनन्दन धाकड़ व विद्यालय स्टाफ ने साफा व माला पहनाकर स्वागत किया।सभी अतिथियों ने सर्वप्रथम विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा लगाई गई विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन किया व सरस्वती की तस्वीर पर दीपक व माल्यार्पण कर समारोह की शुरुआत की।इस समारोह में विद्यालय के छात्र छात्राओं ने देश भक्ति, राजस्थानी ,धार्मिक व सामाजिक विषयों पर आधारित अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर उपस्थित सभी अतिथियों के साथ ही अभिभावकों का मनमोह लिया।सभी ने कार्यक्रम की प्रसंशा की।समारोह के अंत में विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम व द्वितीय स्थान पर रहने वाले प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि के द्वारा पारितोषिक वितरण कराए गए।इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए पूर्व जिला प्रमुख इंजीनियर कन्हैया लाल धाकड़ ने कहा कि इस विद्यालय की नींव का पौधा 2007 में लगाया था जो आज वटवृक्ष बन गया है। जहाँ सीनियर सेकेंडरी तक की शिक्षा के सभी वर्गों की शिक्षा देने के साथ ही एनसीसी कैडेट्स की विंग भी यहाँ शुरू हो गई हैं जो भविष्य में छात्र- छात्राओं के रोजगार के साथ ही देश कि सेवा में जाने वाले युवाओं के लिए वरदान साबित होगी। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि ऊपरमाल धाकड़ समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे मृत्युभोज व बालविवाह को खत्म करने का बीड़ा भी उनके नेतृत्व में समाज ने इसी विद्यालय के प्रांगण से उठाया था जो आज पूर्णतया सफल रहै है। उससे समाज में शैक्षणिक, राजनैतिक, आर्थिक व सामाजिक चेतना का संचार हुआ है जो अन्य समाज के लिए अनुकरणीय उदाहरण हैं। इसके साथ ही  उन्होंने कहा कि शिक्षा व पैसे के पावर का सदुपयोग करने से क्षेत्र व देश का चहुंमुखी विकास होता हैं लेकिन इसका दुरुपयोग विनाश का कारण बन जाता हैं।
    

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