-->
महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर विभिन्न शिवालयों में भजन संध्या व धार्मिक कार्यक्रम होगें आयोजित!

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर विभिन्न शिवालयों में भजन संध्या व धार्मिक कार्यक्रम होगें आयोजित!

गुलाबपुरा  (रामकिशन वैष्णव) महाशिवरात्रि के पावन पर्व की  पूर्व संध्या पर क्षेत्र के विभिन्न शिवालयों में सोमवार को रात्रि जागरण एवं विशाल भजन संध्या कीर्तन सहित धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे! 
 ग्राम आगूचा  के  मानसी नदी में स्थित रणकेश्वर महादेव मंदिर पर शिवरात्रि महापर्व के अवसर पर विशाल भजन संध्या आयोजित होगी! यहां शिवरात्रि महापर्व के अवसर पर दिन रात भजन कीर्तन व ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप चलता रहता है  और उस दिन सुबह से लेकर देर शाम तक विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान में पूजा-अर्चना होती है और हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी रणकेश्वर महादेव सेवा समिति एवं समस्त ग्राम वासियों के सौजन्य से 28 फरवरी 2022 को रात्रि में विशाल भजन संध्या का आयोजन रखा गया जिसमें प्रसिद्ध भजन गायक दुर्गा लाल गुर्जर हरिशिंह का लांबा एंड पार्टी द्वारा भजनों की प्रस्तुतियां दीं जायेगी! ग्राम के बुजुर्ग बताते हैं कि 650 वर्ष पूर्व मानसी नदी के किनारे क्षेत्र के 2 ठिकानों की सेनाओं के बीच युद्ध हुआ था जिसमें दोनों सेनाओं के सैकड़ों सैनिक मारे गए थे, वही एक सेना के सरदार काफी धार्मिक प्रवृत्ति के थे, युद्ध समाप्ति के बाद उन्होंने मृतक सैनिकों की आत्मा की शांति के लिए यहां भगवान शिव के स्वरूप में शिवलिंग की स्थापना की थी, ऐसी स्थिति के चलते वर्ष 1972 तक शिवलिंग पानी में ही डूबा रहा कई बार तो मानसी नदी में पानी का बहाव अधिक आने पर शिवलिंग को श्रद्धालुओं द्वारा ढूंढ ढूंढ कर इस की पूजा करनी पड़ती है थी , बताते हैं कि शिवलिंग को अन्यत्र स्थान पर स्थापित करने की कोशिश में शिवलिंग के चारों ओर खुदाई भी की गई थी लेकिन जमीन से अंदर की ओर शिवलिंग का अंतिम छोर कभी भी दिखाई नहीं दिया, उसी वर्ष कस्बे के दुर्गा शंकर पांडे ने शिवलिंग को एक मंदिर का स्वरूप देकर स्थापित करवाया, शिवलिंग के प्रति अटूट श्रद्धा भक्ति और प्रण होने के चलते कुछ ही दिनों बाद उन्होंने शिवलिंग को थोड़ा सा ऊंचाई पर स्थापित किया इसी जगह इस छोटे मंदिर को बड़ा बनवा कर बड़ा रूप दिया गया, जो आज विद्यमान है! हर वर्ष शिवरात्रि पर्व पर यहां कई वर्षों से पांडे परिवार द्वारा भोग लगाए जाने की परंपरा रही है यह शिवलिंग श्याम वर्ण का चमकदार लगभग 5 फीट के मूल स्वरूप में है वर्षों से विख्यात यह मंदिर धीरे-धीरे क्षेत्र वासियों के लिए प्रमुख आस्था का केंद्र बन गया !

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article