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बिजौलियां उपखण्ड की रिजर्व फॉरेस्ट को बूंदी जिले में समायोजित करने से नुकसान की आशंका

बिजौलियां उपखण्ड की रिजर्व फॉरेस्ट को बूंदी जिले में समायोजित करने से नुकसान की आशंका


बिजौलियां(जगदीश सोनी)। ब्लॉक कांग्रेस  संगठन महामंत्री शक्ति नारायण शर्मा ने वन मंत्री राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर उपखंड क्षेत्र के 7 गांवों  के 9000 हैक्टेयर  रिजर्व फॉरेस्ट को रामगढ़ बूंदी में समायोजित करने के लिए जारी  विभागीय प्रक्रिया से नुकसान होने की संभावना जताई। जो कमेटी गठित की गई है उससे बिजौलियां उपखंड क्षेत्र को क्या लाभ होगा यह भी स्पष्ट नहीं है। शर्मा ने रिजर्व फॉरेस्ट वन्यजीव कोटा के  1 दिसम्बर 2021 व जिला परिषद भीलवाड़ा के 6 दिसम्बर  2021 के पत्र के संदर्भ में वन मंत्री को पत्र लिखा है।इसके लिए जो कमेटी गठित की गई है, उसमें ग्राम सभा से प्रस्ताव पारित कर जिला परिषद में भिजवाना है और उस ग्राम सभा की तारीख 10 दिसंबर भी निकल चुकी है। इसमें  रामगढ़ बूंदी बफर क्षेत्र में बिजौलियां क्षेत्र के गांव को रिजर्व फॉरेस्ट के हिसाब से शामिल किया जाना है। उसकी स्थिति इस प्रकार है- ग्राम पंचायत जलिन्द्री से 1636 हैक्टेयर,ग्राम पंचायत  भोपतपुरा के बांका ,गोरधनपुरा, लोडदा से 3920 हैक्टेयर,ग्राम पंचायत माल का खेड़ा -धनवाड़ा से 61 हैक्टेयर, ग्राम पंचायत लक्ष्मीखेड़ा, केशुविलास, बांका से 96 हैक्टेयर, ग्राम पंचायत भोपतपुरा -सूठी से 3070 हैक्टेयर। सब मिलाकर 9000 हैक्टेयर रिजर्व फॉरेस्ट प्रस्तावित है और कुल 7 गांवों के क्षेत्र  को इसमें समायोजित किया जाना है। इतने बड़े रिजर्व फॉरेस्ट के क्षेत्र को बूंदी रामगढ़ में शामिल किए जाने से क्षेत्र को नुकसान की आशंका इसलिए बढ़ती जा रही है की विभागीय पत्रों में लाभ हानि का कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया है। इसलिए कमेटी की तरफ से वन मंत्री को पत्र लिखकर सारी स्थित स्पष्ट करने की बात कही है। जिससे क्षेत्र के लोगों को वस्तुस्थिति की जानकारी मिल सके।

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